नमस्कार बच्चों,
अगर आप कक्षा 12 के छात्र हैं और जीवविज्ञान के अध्याय 4 “वंशागति एवं ववववधिा के सिद्धांत” (Principles of Inheritance and Variation) के लिए एक अच्छा और सरल नोट्स ढूंढ रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं। यह अध्याय बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और हमारे नोट्स आपकी तैयारी को बेहद आसान बना देंगे।
ये नोट्स विशेष रूप से NCERT नवीनतम पाठ्यक्रम और पिछले 10 वर्षों के बोर्ड परीक्षा प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करके बनाए गए हैं।
हमने इस लेख मे कक्षा 12 जीवविज्ञान पाठ 4 वंशागति एवं विविधता के सिद्धांत (NCERT class 12 biology) का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके। Download करने के लिए दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।
अध्याय | वंशागति एवं विविधता के सिद्धांत |
विषय | जीवविज्ञान |
अध्याय क्रमांक | 4 |
कक्षा | 12 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
वंशागति एवं विविधता के सिद्धांत – NCERT जीवविज्ञान कक्षा 12 अध्याय 4 नोट्स पीडीएफ़
4.-वंशागति-एवं-विविधता-के-सिद्धांतCheck: एनसीईआरटी कक्षा 12 जीवविज्ञान नोट्स पीडीएफ़
नोट्स में शामिल महत्वपूर्ण टॉपिक्स(main topics in this notes)
- पुरुष जमेंडल के वंशागति के नियम (Mendel’s Laws of Inheritance)
- मेंडल के प्रयोगों की सफलता के कारण।
- एक जीन की वंशागति (Inheritance of One Gene) – मटर के पौधे पर प्रयोग।
- प्रभाविता का नियम (Law of Dominance)।
- विसंयोजन का नियम (Law of Segregation)।
- एक जीन की वंशागति (Inheritance of One Gene)
- अपूर्ण प्रभाविता (Incomplete Dominance)
- सह-प्रभाविता (Co-dominance)
- बहुविकल्पता (Multiple Alleles) – मानव रुधिर वर्ग का उदाहरण।
- दो जीनों की वंशागति (Inheritance of Two Genes)
- स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment)।
- वंशागति का क्रोमोसोम सिद्धांत (Chromosomal Theory of Inheritance)
- सटन और बोवेरी का योगदान।
- थॉमस हंट मॉर्गन का कार्य और ड्रोसोफिला पर प्रयोग।
- सहलग्नता (Linkage) और पुनर्योजन (Recombination)।
- लिंग निर्धारण (Sex Determination)
- विभिन्न प्राणियों में लिंग निर्धारण की क्रियाविधि (मनुष्य, पक्षी, कीट)।
- मानव में लिंग निर्धारण।
- उत्परिवर्तन (Mutation)
- जीन उत्परिवर्तन और क्रोमोसोमीय उत्परिवर्तन।
- आनुवंशिक विकार (Genetic Disorders)
- वंशावली विश्लेषण (Pedigree Analysis)
- मेंडलीय विकार (Mendelian Disorders)
- हीमोफीलिया (Haemophilia)
- दात्र कोशिका-अरक्तता (Sickle-cell Anaemia)
- फिनाइलकीटोन्यूरिया (Phenylketonuria)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- क्रोमोसोमीय विकार (Chromosomal Disorders)नन तंत्र
- स्त्री जनन तंत्र
- युग्मकजनन
- वृषण की आन्तरिक संरचना
- शुक्राणुजनन
- अंडाशय की आन्तरिक संरचना
- अंडजनन
- आर्त्तव चक्र (मासिक धर्म चक्र)
- निषेचन एवं अंतर्रोपण
- सगर्भता एवं भ्रूणीय परिवर्धन
- सगर्भता (गर्भावस्था)
- प्रसव
- प्रसव एवं दुग्धस्रवण
Class 12 biology chapter 4 Notes PDF in Hindi Download
हमारे नोट्स की मुख्य विशेषताएं (Key Features):
- सरल और स्पष्ट भाषा: सभी टॉपिक्स को बहुत ही आसान हिंदी भाषा में समझाया गया है, जिससे कमजोर छात्र भी आसानी से समझ सकते हैं।
- डायग्राम सहित एक्सप्लेनेशन: जटिल विषयों को बेहतर ढंग से समझाने के लिए महत्वपूर्ण डायग्राम और चित्र भी शामिल किए गए हैं, जिससे याद रखना आसान हो जाता है।
- समय की बचत: ये संक्षिप्त की-नोट्स (keynotes) आपका बहुमूल्य समय बचाते हैं और रिवीज़न के लिए सर्वोत्तम हैं।
- परीक्षा के लिए संपूर्ण तैयारी: इन नोट्स को पढ़ने के बाद, आप किसी भी बहुविकल्पीय (MCQ) और व्यक्तिपरक (Subjective) प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम होंगे।
- भ्रम-मुक्त अध्ययन: आपको अलग-अलग किताबों में भटकने की जरूरत नहीं है। ये नोट्स आपकी सफलता के लिए पर्याप्त हैं।
वंशागति एवं विविधता के सिद्धांत – पाठ का सारांश
- वंशागति (Heredity):- लक्षणों का जनकों (माता-पिता) से संतति में स्थानांतरण, वंशा गति कहलाता है।
- विविधता (Variation):- जनक एवं संतति मे पाये जाने वाली असमानताओ को, विविधताए कहते हैं।
- आनुवंशिकी (Genetics)
- जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत वंशागति और विविधता का अध्ययन किया जाता है, उसे आनुवंशिकी कहते हैं।
- जीन आनुवंशिकी लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरे पीढी मे पहुँचाता है।
- आनुवंशिकी शब्दावली
- जीन (Gene):-जीन आनुवंशिकी लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरे पीढी मे पहुँचाता है।
- स्प्लील (Allele):-एक ही जीन के विभिन्न रूप को एलील या युग्मविकल्पीय कहते हैं।
- फीनोटाइप (Phenotype):- किसी जीव के बाह्य लक्षणों को फीनोटाइप कहते हैं, जो जीव में बाहर से ही दिखाई देते है।
- जीनोटाइप (Genotype):- जीव की जीनी संरचना को जीनोटाइप कहते हैं
- जीन बिन्दु (Gene Locus):- गुणसूत्र के जिस स्थान पर जीन पाया जाता है, उसे जीन बिन्दु कहते है।
- समयुग्मजी (Homozygous):- जब एक लक्षण के दो जीन समान प्रकार के होते हैं, तो इसे समयुग्मजी कहते हैं।
- मेण्डल के नियम या आनुवंशिकता के नियम
- प्रभाविता का नियम:- जब एक जोड़ी अलग-अलग उपलक्षणों वाले जीवो के बीच संकरण कराया जाता है, तो प्रथम पीढ़ी में केवल प्रभावी लक्षण दिखाई देते है, इसे ही प्रभाविता का नियम कहते हैं।
- पृथक्करण का नियम:- जब एक जोड़ी अलग-अलग उपलक्षणों वाले जीवों के बीच संकरण करते है तो प्रथम पीढ़ी (F) मे केवल प्रभावी लक्षण दिखाई देते है, लेकिन दूसरी पीढ़ी में प्रभावी और अप्रभावी दोनो लक्षण एक निश्चित अनुपात मे अलग हो जाते हैं। इसे ही पृथक्करण का नियम कहते है।
- स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम:- जब दो जोडी अलग-अलग लक्षणो वाले जीवो के संकरण कराया जाता है तो दोनो लक्षणों के वैकल्पिक स्वरूपों का पृथक्करण स्वतंत्र रूप से होता है।
- अपूर्ण प्रभाविता (Incomplete Dominance):- अपूर्ण प्रभाविता की खोज कार्ल कारेन्स नामक वैज्ञानिक ने गुलाबास के पौधो मे की थी।
- सहप्रभाविता:- जब दोनो उपलक्षणों के जीन्स प्रथम पीढ़ी मे साथ- साथ प्रदर्शित होते है तो इसे सह प्रभाविता कहते है।
- उत्परिवर्तन दो प्रकार के होते है
- गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन (chromosomal Mutation)-गुणसूत्रो मे उपस्थित जीनो के मध्य होने वाले उत्परिवर्तन को गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन कहते है।
- जीन उत्परिवर्तन (Gene Mutation):-DNA तथा RNA की रसायनिक संरचना मे होने वाले परिवर्तन को जीन उत्परिवर्तन कहते हैं।
- वर्णांधता (colour Blindness):- लाल – हरे रंग में व्यक्ति द्वारा अंतर न कर पाना, वर्णांधता कहलाता है।
- थैलीसीनिया- यह रक्त सम्बंधी दोष युक्त रोग है जिसमे व्यक्ति में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम रहती है और शरीर दुर्बल हो जाता है
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ(s)
ये नोट्स किस बोर्ड के लिए उपयोगी हैं?
ये नोट्स मुख्य रूप से NCERT सिलेबस पर आधारित हैं, इसलिए ये CBSE, बिहार बोर्ड (BSEB), UP बोर्ड, और अन्य सभी राज्य बोर्डों के लिए समान रूप से उपयोगी हैं।
क्या केवल इन नोट्स से पढ़कर 90% से अधिक अंक लाए जा सकते हैं?
हाँ, यदि आप इन नोट्स को अच्छी तरह से पढ़ते हैं, समझते हैं और साथ में NCERT की एक्सरसाइज करते हैं, तो आप निश्चित रूप से 90% से अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं।
क्या ये नोट्स नवीनतम पाठ्यक्रम 2025-26 के अनुसार हैं?
जी हाँ, हमारे सभी नोट्स हर साल नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार अपडेट किए जाते हैं।
क्या ये नोट्स फ्री में उपलब्ध हैं?
हाँ, ये नोट्स छात्रों की मदद के लिए निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। आप ऊपर दिए गए PDF के मदद से यह नोट्स फ्री में पढ़ सकते हैं। Download करने के लिए Download PDF लिंक पर क्लिक करें।
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