कक्षा 11 भौतिकी पाठ 13 दोलन नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

कक्षा 11 भौतिकी पाठ 13 दोलन नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

नमस्कार बच्चों,

हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 13 दोलन का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।

तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ दोलन को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।

Download करने के लिए दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।

अध्यायदोलन
विषयभौतकी
अध्याय क्रमांक13
कक्षा11
माध्यमहिन्दी
सत्र2025-2026

भौतिक विज्ञान कक्षा 11 अध्याय 13 नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

दोलन

Check: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स

पाठ में मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –

  • आवर्ती तथा दोलनी गतियाँ
  • आवर्ती गति, दोलनी गति और आवर्त काल की परिभाषा
  • सरल आवर्त गति
  • सरल आवर्त गति की परिभाषा एवं शर्तें
  • SHM का समीकरण: विस्थापन, वेग तथा त्वरण के व्यंजक
  • फेजर द्वारा SHM का निरूपण
  • सरल आवर्त गति में ऊर्जा
  • गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा
  • कुल ऊर्जा का संरक्षण
  • सरल आवर्त गति करने वाले कुछ निकाय
  • सरल लोलक : आवर्त काल का सूत्र
  • स्प्रिंग से जुड़े पिंड के दोलन
  • अवमंदित दोलन
  • अवमंदन बल और ऊर्जा क्षय की अवधारणा
  • प्रणोदित दोलन तथा अनुनाद
  • बाह्य आवर्ती बल का प्रभाव
  • अनुनाद की घटना और उसके उदाहरण

दोलन – पाठ का सारांश

  1. जब कोई पिंड एक निश्चित पथ पर किसी स्थिर बिन्दु के इधर – उधर एक नियत समय मे अपनी गति को बार-बार दोहराता है तो पिंड की इस गति को दोलन गति कहते है। इसे कंपन गति भी कहते है।
  2. जब कोई पिंड किसी निश्चित पथ पर अपनी गति को एक निश्चित समयांतराल मे बार-बार दोहराता है तो पिंड की इस गति को आवर्त गति कहते है।
  3. सरल आवर्त गति में विस्थापन के अधिकतम मान को उसका आयाम कहते है। इसे a से प्रदर्शित करते है।
  4. एक सेकेंड मे कण द्वारा किए गए कंपनो की संख्या को उसकी आवृति कहते है। इसे n सें दर्शाया जाता है। 
  5. सरल आवर्त गति में सर द्वारा एक कंपन को पूरा करने में लगे समय को उसका आवर्तकाल कहते है। इसे T से प्रदर्शित करते है।
  6. जब किसी छोटे और भारी पिंड को किसी भारहीन पिंड एवं लंबाई मे न बढ़ने वाले धागे के एक सिरे से पिंड को बाधकर धागे को किसी घषर्ण रहीत से लटका दे। तो इस प्रकार बने समायोजन को सरल लोलक कहते है।

आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।

धन्यवाद।

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