नमस्कार बच्चों,
हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 2 सरल रेखा मे गति का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ सरल रेखा मे गति को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
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अध्याय | सरल रेखा मे गति |
विषय | भौतकी |
अध्याय क्रमांक | 2 |
कक्षा | 11 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
सरल रेखा मे गति नोट्स पीडीएफ़
2.-सरल-रेखा-में-गतिCheck: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स
पाठ मे मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
- भूमिका : गति, विराम, निर्देश तंत्र और बिंदु वस्तु की अवधारणा।
- पथ-लंबाई और विस्थापन : दूरी और विस्थापन की परिभाषा और उनमें अंतर।
- चाल और वेग : औसत और तात्क्षणिक चाल व वेग का अध्ययन।
- त्वरण : वेग में परिवर्तन की दर, औसत एवं तात्क्षणिक त्वरण।
- एकसमान त्वरित गति :
- गति के तीन समीकरण:
- गुरुत्व के अधीन गति : मुक्त पतन ।
- आपेक्षिक वेग: एक-विमीय गति में आपेक्षिक वेग की अवधारणा।
- गति के ग्राफ : स्थिति-समय और वेग-समय ग्राफ का विश्लेषण।
पाठ का सारांश
- यदि x1 छोटी है और x2 बड़ा हो तो विस्थापन धनात्मक होगा।
- वही यदि x1 का परिमाण बड़ा है और x2 का परिणाम छोटी तो विस्थापन ऋणात्मक होता है।
- किसी वस्तु द्वारा गति के क्रम में तय की गयी कुल पथ की लम्बाई को पथ की लम्बाई या दूरी कहा जाता है।
- वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को हम विस्थापन कहते हैं और इसे Δx से निरूपित करते हैं;Δx=x2−x1x1 और x2 वस्तु की क्रमशः प्रारंभिक तथा अंतिम स्थितियाँ हैं।पथ-लंबाई उन्हीं दो बिंदुओं के बीच विस्थापन के परिणाम के बराबर या उससे अधिक हो सकती है।
- यदि कोई वस्तु समान समय अंतराल मे समान गति दूरी तय करती है। तो उस वस्तु की गति एक समान गति कहलाती है।
- हम औसत वेग को विस्थापन एवं संगत समयांतराल के अनुपात के रूप में परिभाषित करते हैं तथा इसे vˉ द्वारा चिह्नित करते हैं;vˉ=ΔtΔx
- किसी वस्तु के वेग मे परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है।त्वरण का SI मात्रक (M/S/S) MS-2 है।
- औसत चाल, कुल पथ-लंबाई एवं संगत समयांतराल का अनुपात होती है। तात्क्षणिक चाल किसी क्षण वस्तु के वेग का परिमाण होती है।
- औसत त्वरण को हम वेग-परिवर्तन एवं संगत समयांतराल के अनुपात के रूप में परिभाषित करते हैं।aˉ=ΔtΔv
- एक गति अवस्था वाले वस्तु की गति को स्थिति-समय ग्राफ सें दर्शाया जा सकता है। ऐसा स्थिति-समय ग्राफ किसी वस्तु की गति के विभिन्न पहलुओं का आकलन के लिए काफी प्रभावशाली साधन है।
- किन्हीं दो क्षणों t1 तथा t2 के मध्य खींचे गए वेग-समय वक्र के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल वस्तु के विस्थापन के बराबर होता है।
- एकसमान त्वरण से गतिमान वस्तु के लिए कुछ सामान्य समीकरणों का एक समूह होता है जिससे पाँच राशियाँ यथा विस्थापन x, तत्संबंधित समय t, प्रारंभिक वेग v0, अंतिम वेग v तथा त्वरण a एक दूसरे से संबंधित होते हैं। इन समीकरणों को वस्तु के शुद्धगतिक समीकरणों के नाम से जाना जाता है:v=v0+atx=v0t+21at2v2=v02+2axइन समीकरणों में क्षण t=0 पर वस्तु की स्थिति x=0 ली गई है। यदि वस्तु x=x0 से चलना प्रारंभ करे तो उपर्युक्त समीकरणों में x के स्थान पर (x−x0) लिखेंगे।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।