नमस्कार बच्चों,
हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 15 शरीर द्रव्य एवं परिसंचरण का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ शरीर द्रव्य एवं परिसंचरण को समझे और लिखे। हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
Download करने के लिए दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।
अध्याय | शरीर द्रव्य एवं परिसंचरण |
विषय | जीवविज्ञान |
अध्याय क्रमांक | 15 |
कक्षा | 11 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
शरीर द्रव्य एवं परिसंचरण हस्तलिखित नोट्स पीडीएफ़
15.-शरीर-द्रव्य-एवं-परिसंचरणपाठ में मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
- परिचय
- परिसंचरण की आवश्यकता
- परिसंचारी द्रव के प्रकार (रक्त और लसीका)
- रक्त (Blood)
- रक्त का संघटन:
- प्लाज्मा (Plasma)
- संघटित पदार्थ (Formed Elements):
- लाल रक्त कणिकाएँ (Red Blood Cells – RBCs / एरिथ्रोसाइट्स
- श्वेत रक्त कणिकाएँ (White Blood Cells – WBCs / ल्यूकोसाइट्स)
- प्लेटलेट्स (Platelets / थ्रोम्बोसाइट्स)
- रक्त समूह (Blood Groups):
- ABO रक्त समूह
- Rh रक्त समूह
- रक्त स्कंदन (Blood Coagulation / Clotting)
- रक्त का संघटन:
- लसीका (Lymph) / ऊतक द्रव्य (Tissue Fluid)
- लसीका का संघटन और निर्माण
- लसीका तंत्र के कार्य
- परिसंचरण पथ (Circulatory Pathways)
- खुले परिसंचरण तंत्र (Open Circulatory System)
- बंद परिसंचरण तंत्र (Closed Circulatory System)
- मत्स्य, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारियों में परिसंचरण का संक्षिप्त अवलोकन
- मानव परिसंचरण तंत्र (Human Circulatory System)
- हृदय (Heart):
- संरचना: चार कक्ष (आलिंद, निलय), कपाट (ट्राइकस्पिड, बाइकस्पिड, अर्धचंद्राकार)
- हृदय की दीवारें (एपि-मायो-एंडोकार्डियम)
- रक्त वाहिकाएँ (Blood Vessels):
- धमनियां (Arteries), शिराएँ (Veins), केशिकाएँ (Capillaries)
- परिसंचरण के प्रकार:
- फुफ्फुसीय परिसंचरण (Pulmonary Circulation)
- दैहिक परिसंचरण (Systemic Circulation)
- हृदय (Heart):
- हृदय चक्र (Cardiac Cycle)
- हृदय स्पंदन (Heartbeat)
- सिस्टोल (Systole) और डायस्टोल (Diastole)
- आलिंद और निलय का सिस्टोल/डायस्टोल
- हृदय ध्वनियाँ (Heart Sounds)
- विद्युतहृद्लेखी (Electrocardiograph – ECG)
- ECG की रिकॉर्डिंग और व्याख्या
- ECG का नैदानिक महत्व
- हृदय संबंधी विकार (Disorders of Circulatory System)
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure / Hypertension)
- कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease – CAD)
- एन्जाइना (Angina Pectoris)
- हृदयपात (Heart Failure)
- हृदयघात (Heart Attack)
- कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest)
शरीर द्रव्य एवं परिसंचरण – पाठ का सारांश
- रुधिर एक तरल संयोजी ऊतक है जिसमें द्रव्य आधात्री, प्लाज्मा तथा अन्य संगठित पदार्थ होते हैं।
- प्लाज्मा- यह हल्के पीले रंग का गाठा तरल पदार्थ है जिसमें 90-92% जल, 6-8% प्रोटीन व 0.9 – 1.0% अकार्बनिक लवण आयन आदि पदार्थ होते हैं। यह रुधिर के आयन का लगभग 50-60% होता है।
- लाल रुधिर कणिका(RBC) श्वेताणु तथा प्लेटलेट्स को सम्मिलित रूप से संगठित पदार्थ कहते हैं।
- पटटिकाणु या थ्रोम्बोसाइट्स:- ये सकुंचनशील, प्लेट के समान केन्द्रकविहीन रुधिराणु है। प्रति घन मिमी रुधिर में इनकी संख्या 1.5 से 35 लाख होती है। यह केवल स्तनधारियों के रुधिर में पायी जाती है।
- लसीका- यह रुधिर से दना हुआ रंगहीन द्वत्य है जिसमें WBC मिलते हैं जो शरीर को प्रतिरक्षा अनुक्रिया के लिए उत्तरदायी हैं। यह पोषक पदार्थ हार्मोन आदि के संवहन के लिए महत्वपूर्ण है।
- लासिका तंत्र में उपस्थित द्वत्य को लसिका कहते हैं।
- विद्युत हद लेख प्राप्त करने के लिए इस मशीन का प्रयोग करते हैं। बीमार व्यक्ति का मानक ECG प्राप्त करने के लिए रोगी को मशीन से तीन विद्युत लीड से जोड़कर लगातार निगरानी करके प्राप्त करते हैं। इसके प्रत्येक चरमोत्कर्ष को P से T तक दर्शाया जाता है।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।