नमस्कार बच्चों,
हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 8 ठोसो के यांत्रिक गुण का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ ठोसो के यांत्रिक गुण को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
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अध्याय | ठोसो के यांत्रिक गुण |
विषय | भौतकी |
अध्याय क्रमांक | 8 |
कक्षा | 11 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
ठोसो के यांत्रिक गुण नोट्स पीडीएफ़
8.-ठोसों-के-यांत्रिक-गुणCheck: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स
पाठ मे मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
- भूमिका
- प्रत्यास्थता तथा सुघट्यता का परिचय
- विरूपक बल और प्रत्यानयन बल
- प्रतिबल तथा विकृति
- हुक का नियम
- प्रतिबल और विकृति के मध्य संबंध।
- प्रत्यास्थता गुणांक
- प्रतिबल-विकृति वक्र
- एक तन्य पदार्थ के लिए वक्र का विश्लेषण।
- पराभव सामर्थ्य और विभंजन सामर्थ्य
- प्रत्यास्थता गुणांक
- यंग प्रत्यास्थता गुणांक
- अपरूपण गुणांक
- आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
- प्वासों अनुपात
- प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा
- एक तानित तार में संचित ऊर्जा।
- प्रत्यास्थता के अनुप्रयोग
- दैनिक जीवन और इंजीनियरिंग में प्रत्यास्थ व्यवहार के उदाहरण
पाठ का सारांश
- किसी वस्तु पर लगाया गया बाह्य बल जिससे वस्तु का आकार, आकृति दोनों ही परिवर्तित हो जाते है इस बाह्य बल को विरूपक बल कहते है। जब यह बल वस्तु पर से हटा दिया जाता है तो वस्तु अपनी प्रारम्भिक अवस्था में आ जाती है।
- वह वस्तुऐ जो बाह्य बल के हटने पर अपनी पुरानी अवस्था पुर्णतः प्राप्त कर लेती है। उन्हें प्रत्यास्थ वस्तुए कहते है।
- वह वस्तुए जो विरूपक बल के हटा देने पर इनकी आकार और आकृतियों में कोई परिवर्तन नही होता है, दृढ़ वस्तुए कहते हैं।
- जब किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाया जाता है। तो वस्तु के आकार अथवा आकृति मे परिवर्तन हो जाता है। तथा वस्तुओं मे आंतरिक प्रत्यानयन बल उत्त्पन्न हो जाता है जो वस्तु को पूर्व अवस्था में लाने का प्रयास करता है यह सम्यवस्था होती है।
- जब किसी वस्तु पर बाह्य बल आरोपित किया जाता है तो वस्तु के आकार आकृति में परिवर्तन हो जाता है। एवं वस्तु विकृति अवस्था में आ जाती है। वस्तु के आकार अथवा रूप में होने वालें भिन्नात्मक परिवर्तन को विकृति कहते है
- प्रत्यास्थता की सीमा के भीतर किसी वस्तु पर कार्यरत प्रतिबल सदैव विकृति के अनुक्रमानुपाती होता है। यही हुक का नियम है।
- जब हम किसी तार को खीचते है तो हमे तार के अंतराण्विक बलो के विरुद्ध कुछ कार्य करना पड़ता है। यह किया गया कार्य तार के अन्तगर्त प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा के रूप मे इकट्ठा हो जाता है।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।