कक्षा 11 भौतिक विज्ञान कणों के निकाय तथा घूर्ण गति नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

कक्षा 11 कणों के निकाय तथा घूर्ण गति - भौतिक विज्ञान नोट्स डाउनलोड PDF

नमस्कार बच्चों,

हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 6 कणों के निकाय तथा घूर्ण गति का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।

तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ कणों के निकाय तथा घूर्ण गति को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।

Download करने के लिए बस नीचे दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।

अध्यायकणों के निकाय तथा घूर्ण गति
विषयभौतकी
अध्याय क्रमांक6
कक्षा11
माध्यमहिन्दी
सत्र2025-2026

कणों के निकाय तथा घूर्ण गति नोट्स पीडीएफ़

6.-कणों-के-निकाय-तथा-घुर्ण-गति

Check: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स

पाठ मे मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –

  • द्रव्यमान केंद्र
  • द्रव्यमान केंद्र की अवधारणा
  • द्विकण निकाय तथा दृढ़ पिंडों का द्रव्यमान केंद्र
  • द्रव्यमान केंद्र की गति तथा संवेग संरक्षण
  • घूर्णी गति के मूल सिद्धांत
  • बल आघूर्ण
  • कोणीय संवेग
  • कोणीय संवेग संरक्षण का नियम
  • दृढ़ पिंडों का संतुलन
  • यांत्रिक संतुलन की शर्तें
  • बलों के आघूर्ण का सिद्धांत
  • जड़त्व आघूर्ण
  • घूर्णी गति में जड़त्व की माप
  • जड़त्व आघूर्ण की प्रमेय
    • समांतर अक्षों की प्रमेय
    • लंबवत अक्षों की प्रमेय
  • घूर्णी गति की गतिकी
  • एक नियत अक्ष के परितः घूर्णन
  • घूर्णी गति के समीकरण
  • घूर्णी गति में कार्य तथा ऊर्जा
  • लोटनिक गति
  • स्थानांतरीय तथा घूर्णी गति का संयोजन
  • आनत तल पर लोटनिक गति

पाठ का सारांश

  1. जब कोई दृढ़ पिंड किसी अक्ष के परित: घूमता है तो पिंड गति को घूर्णन गति कहते है एवं इसके अक्ष को घूर्णन अक्ष कहते है।
  2. जब निकाय किसी बाह्य बल के अंतर्गत गति करता है। तब उसका कोई बिन्दु इस प्रकार गति करता है कि जैसे निकाय का समस्त द्रव्यमान इस बिन्दु पर केन्द्रित हो तथा बाह्य बल भी इस बिन्दु, पर आरोपित हो तो इस बिन्दु को निकाय का द्रव्यमान केन्द्र कहते है।
  3. ब कोई किसी वृत की परिधी पर घूमता है तो इसका कोणिय विस्थापन समय के साथ परिवर्तन होता है अर्थात वृतिय गति करते हुए किसी कण के कोणिय विस्थापन की समय के साथ परिवर्तन की दर को कोणिय वेग कहते है। इसे से प्रदर्शित किया जाता है।
  4. घुर्णय अथवा कोणिय गति में कोणिय वेग कें समय साथ परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। इसे α से प्रदर्शित करते है।
  5. किसी पिंड को अक्ष के परितः घूर्णन करने के लिए एक बल की आवश्यकता होती है इसे बल आघूर्ण कहते है। 
  6. घूर्णन गति में , घूर्णन अक्ष के परित: कण के रेखीय संवेगो के आघूर्णों के योग को कण का कोणिय संवेग कहते है।
  7. यदि किसी अक्ष के परित: घुमते हुए पिंड पर कोई बाह्य बल आघूर्ण का आरोपित न हो तो उस पिंड का कोणिय संवेग नियत रहते है इसे कोणिय संवेग संरक्षण का नियम कहते है।
  8. किसी पिंड का वह बिन्दु जंहा से उस पिंड का सम्पूर्ण भार केन्द्रीत होता है। वह बिन्दू उस पिंड का गुरुत्व केन्द्र कहलाता है।

आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।

धन्यवाद।

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