कक्षा 11 भौतिक विज्ञान मात्रक मापन तथा त्रुटि नोट्स PDF

कक्षा 11 मात्रक मापन तथा त्रुटि - भौतिक विज्ञान नोट्स डाउनलोड PDF

नमस्कार बच्चों,

हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 1 मात्रक मापन तथा त्रुटि का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।

तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ मात्रक मापन तथा त्रुटि को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।

Download करने के लिए बस नीचे दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।

अध्यायमात्रक मापन तथा त्रुटि
विषयभौतकी
अध्याय क्रमांक1
कक्षा11
माध्यमहिन्दी
सत्र2025-2026

मात्रक मापन तथा त्रुटि हस्तलिखित नोट्स पीडीएफ़

1.-मात्रक-मापन-तथा-त्रुटि-विश्लेषण

Check: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स

पाठ मे मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –

  • मात्रकों की अंतराष्ट्रीय प्रणाली
  • सार्थक अंक
  • भौतिक राशियों की विमाए
  • विमीए सूत्र एवं विमीय समीकरणों
  • विमीय विश्लेषण एवं इसके अनुप्रयोग

पाठ का सारांश

  1. भौतिक विज्ञान भौतिक राशियों के मापन पर आधारित एक परिमाणात्मक विज्ञान है। कुछ भौतिक राशियां जैसे लंबाई, द्रव्यमान, समय, विद्युत धारा, ऊष्मागतिक ताप, पदार्थ की मात्रा और ज्योति-तीव्रता, मूल राशियों के रूप में चुनी गई हैं।
  2. प्रत्येक मूल राशि किसी मूल मात्रक (जैसे मीटर, किलोग्राम, सेकंड, ऐम्पियर, केल्विन, मोल और कैंडेला) के पद में परिभाषित है। मूल मात्रक स्वेच्छा से चयनित परंतु समुचित रूप से मानकीकृत निर्देश मानक होते हैं। मूल राशियों के मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं।
  3. मूल राशियों से व्युत्पन्न अन्य भौतिक राशियों को मूल मात्रकों के संयोजन के रूप में व्यक्त कर सकते हैं, जिन्हें व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं। मूल और व्युत्पन्न दोनों मात्रकों के पूर्ण समुच्चय को, मात्रक प्रणाली कहते हैं।
  4. सात मूल मात्रकों पर आधारित मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली (SI) वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रणाली है। यह प्रणाली समस्त संसार में व्यापक रूप से प्रयोग में लाई जाती है।
  5. मूल राशियों और व्युत्पन्न राशियों से प्राप्त सभी भौतिक मापों में SI मात्रकों का प्रयोग किया जाता है। कुछ व्युत्पन्न मात्रकों को SI मात्रकों में विशेष नामों (जैसे जूल, न्यूटन, वाट आदि) से व्यक्त किया जाता है।
  6. SI मात्रकों के सुपरिभाषित एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मात्रक प्रतीक हैं (जैसे मीटर के लिए m, किलोग्राम के लिए kg, सेकंड के लिए s, ऐम्पियर के लिए A, न्यूटन के लिए N, इत्यादि)।
  7. प्रायः छोटी एवं बड़ी राशियों की भौतिक मापों को वैज्ञानिक संकेत में 10 की घातों में व्यक्त किया जाता है। माप संकेतों तथा आंकिक अभिकलनों की सरलता हेतु संख्याओं की परिशुद्धता का संकेत करते हुए वैज्ञानिक संकेत एवं पूर्वलग्नों का प्रयोग किया जाता है।
  8. भौतिक राशियों के संकेतन और SI मात्रकों के प्रतीकों, कुछ अन्य मात्रकों, भौतिक राशियों और मापों को उचित रूप से व्यक्त करने हेतु पूर्वलग्न के लिए कुछ सामान्य नियमों और निर्देशों का पालन करना चाहिए।
  9. किसी भी भौतिक राशि के अभिकलन में उसके मात्रक की प्राप्ति हेतु संबंध (संबंधों) में सम्मिलित व्युत्पन्न राशियों के मात्रकों को वांछित मात्रकों की प्राप्ति तक बीजगणितीय राशियों की भांति समझना चाहिए।
  10. मापित एवं अभिकलित राशियों में केवल उचित सार्थक अंकों को ही रखा रहने देना चाहिए। किसी भी संख्या में सार्थक अंकों की संख्या का निर्धारण, उनके साथ अंकीय संक्रियाओं को करने और अनिश्चित अंकों का निकटन करने में इनके लिए बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए।
  11. मूल राशियों की विमाओं और इन विमाओं का संयोजन भौतिक राशियों की प्रकृति का वर्णन करता है। समीकरणों की विमीय संगति की जांच और भौतिक राशियों में संबंध व्युत्पन्न करने में विमीय विश्लेषण का प्रयोग किया जा सकता है। कोई विमीय संगत समीकरण वास्तव में सही हो, यह आवश्यक नहीं है परंतु विमीय रूप से गलत या असंगत समीकरण गलत ही होगी।

आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।

धन्यवाद।

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