नमस्कार बच्चों,
हमने इस लेख मे कक्षा 12 रसायन विज्ञान पाठ 6 हैलोऐल्केन और हैलोऐरीन का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ हैलोऐल्केन और हैलोऐरीन को समझे और लिखे। हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
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अध्याय | हैलोऐल्केन और हैलोऐरीन |
विषय | रसायन विज्ञान |
अध्याय क्रमांक | 6 |
कक्षा | 12 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
रसायन विज्ञान कक्षा 12 अध्याय 6 हस्तलिखित नोट्स पीडीएफ़
6.-हैलोऐल्केन-और-हैलोऐरीनपाठ में मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
6.1 वर्गीकरण (Classification)
6.2 नामपद्धति (Nomenclature)
6.3 C-X आबंध की प्रकृति (Nature of C-X Bond)
6.4 हैलोऐल्केनों का विरचन (Methods of Preparation of Haloalkanes)
- 6.4.1 ऐल्कोहॉलों से (From Alcohols)
- 6.4.2 हाइड्रोकार्बनों से (From Hydrocarbons)
- 6.4.3 हैलोजन विनिमय द्वारा (By Halogen Exchange)
6.5 हैलोऐरीनों का विरचन (Methods of Preparation of Haloarenes)
- 6.5.1 हाइड्रोकार्बनों से, इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन द्वारा (From Hydrocarbons by Electrophilic Substitution)
- 6.5.2 ऐमीनों से, सैन्डमायर अभिक्रिया द्वारा (From Amines by Sandmeyer’s Reaction)
6.6 भौतिक गुणधर्म (Physical Properties)
6.7 रासायनिक अभिक्रियाएँ (Chemical Reactions)
- 6.7.1 हैलोऐल्केनों की अभिक्रियाएँ (Reactions of Haloalkanes)
- नाभिकरागी प्रतिस्थापन (Nucleophilic Substitution)
- विलोपन अभिक्रियाएँ (Elimination Reactions)
- धातुओं के साथ अभिक्रिया (Reaction with Metals)
- 6.7.2 हैलोऐरीनों की अभिक्रियाएँ (Reactions of Haloarenes)
- नाभिकरागी प्रतिस्थापन (Nucleophilic Substitution)
- इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (Electrophilic Substitution Reactions)
- धातुओं के साथ अभिक्रिया (Reaction with Metals)
6.8 पॉलीहैलोजन यौगिक (Polyhalogen Compounds)
- डाइक्लोरोमेथेन (मेथिलीन क्लोराइड)
- ट्राइक्लोरोमेथेन (क्लोरोफॉर्म)
- ट्राइआयोडोमेथेन (आयोडोफॉर्म)
- टेट्राक्लोरोमेथेन (कार्बन टेट्राक्लोराइड)
- फ्रीऑन
- p, p’- डाइक्लोरोडाइफेनिलट्राइक्लोरोएथेन (DDT)
हैलोऐल्केन और हैलोऐरीन – पाठ का सारांश
- जब किसी हाइड्रोकार्बन (ऐलीफैटिक या ऐरोमैटिक) के एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु को उचित हैलोजन परमाणुओ [X] से प्रतिस्थापित करने से प्राप्त यौगिक को हैलोऐल्केन्स या हैलोऐरीन्स कहते है।
- जब किसी एलिफैटिक यौगिक मे से एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु का हैलोजन परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित होने से जो यौगिक बनाता है, उसे हैलोऐल्केन या एल्किल हैलाइड कहते है।
- हैलोजन परमाणुओ की संख्या के आधार पर हैलोऐल्केन को मोनो डाई, ट्राई व पॉली आदि मे वर्गीकृत करते हैं, जिनमे क्रमश: एक, दो, तीन व अधिक हैलोजन परमाणु उपस्थित होते है।
- ऐलिलिक हैलाइड (Allylic Halide):- इन मोनो हैलाइड मे हैलोजन परमाणु sp3 संकरित c परमाणु से जुड़ा होता है, यह Sp3 संकरित c परमाणु sp2 संकरित c परमाणु से जुड़ा होता है तो इन मोनो हैलाइड को ऐलिलिक मोनो हैलाइड कहते हैं।
- विभिन्न हैलोजनो के मध्य बन्ध प्रबलता क्रम में है:- C-F > C-Cl > C-Br > C-I
- ऐल्किल क्लोराइड अथवा ब्रोमाइड के ऐसीटोन विलयन मे पोटैशियम आयोडाइड का ऐसीटोन विलयन मिलाने पर एल्किलआयोडाइड बनता है। यह फ्रिकल्स्टाइ (Finkelstein) अभिक्रिया कहलाती है।
- CH4 व C2H6 के क्लोरोफ़्लोरो व्युत्पन्न को फ्रिऑन कहते है।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।