कक्षा 11 जीवविज्ञान पाठ 13 पादप वृद्धि एवं परिवर्धन नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

कक्षा 11 जीवविज्ञान पाठ 13 पादप वृद्धि एवं परिवर्धन नोट्स पीडीएफ़ डाउनलोड

नमस्कार बच्चों,

हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 13 पादप वृद्धि एवं परिवर्धन का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है। यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।

तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ पादप वृद्धि एवं परिवर्धन को समझे और लिखे। हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।

Download करने के लिए दिये गए Download PDF लिंक पर क्लिक करे ।

अध्यायपादप वृद्धि एवं परिवर्धन
विषयजीवविज्ञान
अध्याय क्रमांक13
कक्षा11
माध्यमहिन्दी
सत्र2025-2026

पादप वृद्धि एवं परिवर्धन हस्तलिखित नोट्स पीडीएफ़

13.-पादप-वृद्धि-एवं-परिवर्धन

Check: एनसीईआरटी कक्षा 11 जीवविज्ञान नोट्स पीडीएफ़

पाठ में मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
  • पादप वृद्धि
    • वृद्धि के प्रकार (प्राथमिक और द्वितीयक वृद्धि का संक्षिप्त उल्लेख)
    • वृद्धि दर (Growth Rate): अंकगणितीय और ज्यामितीय वृद्धि
    • वृद्धि का माप (Measurement of Growth)
    • वृद्धि की अवस्थाएँ (Phases of Growth): मेरिस्टेमी, दीर्घीकरण, परिपक्वन
    • विभेदन (Differentiation), अविभेदन (Dedifferentiation) और पुनर्विभेदन (Redifferentiation)

  • पादप वृद्धि नियामक (Plant Growth Regulators – PGRs)
    • ऑक्सिन (Auxins):
      • खोज और प्राकृतिक/संश्लेषित ऑक्सिन
      • कार्य
    • जिबरेलिन (Gibberellins):
      • खोज
      • कार्य
    • साइटोकाइनिन (Cytokinins):
      • खोज
      • कार्य
    • एथिलीन (Ethylene):
      • गैसीय PGR
      • कार्य
    • ऐब्सिसिक अम्ल (Abscisic Acid – ABA):
      • कार्य (वृद्धि अवरोधक, पत्तियों का झड़ना, सुषुप्तावस्था प्रेरण, रंध्रों का बंद होना)
    • PGRs के बीच तालमेल और विरोध

  • दीप्तिकालिता (Photoperiodism)
    • दीप्तिकालिता की परिभाषा
    • दीप्तिकालिता के आधार पर पादपों के प्रकार:
      • लघुप्रकाशी पादप (Short-day Plants – SDP)
      • दीर्घप्रकाशी पादप (Long-day Plants – LDP)
      • तटस्थ दीप्तिकालिता पादप (Day-neutral Plants – DNP)
    • पुष्प पर प्रभाव

  • वसंतीकरण (Vernalisation)
    • वसंतीकरण की परिभाषा
    • वसंतीकरण का महत्व और क्रियाविधि

  • बीज प्रसुप्ति (Seed Dormancy)
    • बीज प्रसुप्ति के कारण
    • बीज प्रसुप्ति को तोड़ने के तरीके

पादप वृद्धि एवं परिवर्धन – पाठ का सारांश

  1. मिलर के अनुसार “वृद्धि वह घटना है जिसके द्वारा किसी जीव के भार, आयतन, आकार व स्वरूप में चिरस्थायी तथा अनुत्क्रमणीय बढ़ाव होता हैं।”
  2. किसी पौधे की प्रति इकाई समय में बढ़ी हुई वृद्धि को वृद्धि दर कहा जाता है। यह अंकगणितीय या ज्यामितीय संवर्धन हो सकती है।
  3. जीव के जीवन चक्र में आने वाले वे परिवर्तन जो बीजाकुरण से लेकर मृत्यु के पहले तक रहते हैं, परिवर्धन कहलाता है।
  4. ऑक्सिन मूलत: तने एवं मूल के बढ़ते हुए शिखर पर बनता है और वहाँ से क्रियाशीलता वाले भाग में जाता है। कुछ ऑक्सिन जैसे इन्डोल – 3 एसिटिक अम्ल व इन्डोल ब्यूटेरिक अम्ल को पौधों से भी प्राप्त करते हैं।
  5. सभी जिबरेलिन्स अम्लीय होते हैं। यह हार्मोन कवक सहित उच्च श्रेणी के पौधों में पाया जाता है।
  6. पत्तियों में जैन्थोफिल से ABA का संश्लेषण होता है। जहां से यह फ्लोएम द्वारा तने के शीर्ष भाग में स्थानान्तरित होता है। इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं ।
  7. बीजों में पाई जाने वाली बाधाएँ जिनके हटने को बीज अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरित होने की क्षमता खो देते है बीज प्रसुप्तावस्था कहलाता है।
  8. कुछ पौधों में पुष्पन की क्रिया सिर्फ प्रकाश या अन्धकार की अवधि पर ही निर्भर नहीं करता है। इस घटना को दीप्ति कालिता कहते है। प्रकाश या अन्धकार काल का अनुभव पत्तियाँ करती हैं।

आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।

धन्यवाद।

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