नमस्कार बच्चों,
हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 14 तरंगे का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ तरंगे को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
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अध्याय | तरंगे |
विषय | भौतकी |
अध्याय क्रमांक | 14 |
कक्षा | 11 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
भौतिक विज्ञान कक्षा 11 अध्याय 14 नोट्स पीडीएफ़
तरंगेCheck: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स
पाठ में मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
- भूमिका (Introduction)
- तरंग गति की अवधारणा (Concept of Wave Motion)
- तरंगों के प्रकार (Types of Waves):
- अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)
- अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves)
- प्रगामी तरंग का समीकरण (Equation of a Progressive Wave)
- एकविमीय प्रगामी तरंग का विस्थापन संबंध
- तरंग की चाल, तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति में संबंध
- तरंगों का अध्यारोपण सिद्धांत (Principle of Superposition of Waves)
- जब दो या दो से अधिक तरंगें एक बिंदु पर मिलती हैं
- तरंगों का परावर्तन (Reflection of Waves)
- दृढ़ तथा मुक्त सिरे से तरंगों का परावर्तन
- व्यतिकरण तथा विस्पंद (Interference and Beats)
- व्यतिकरण (Interference): स्थायी व्यतिकरण की शर्तें
- विस्पंद (Beats): लगभग समान आवृत्तियों की तरंगों का अध्यारोपण
- अप्रगामी तरंगें (Standing Waves)
- तनी हुई डोरी में अप्रगामी तरंगें, निस्पंद (Nodes) तथा प्रस्पंद (Antinodes)
- संनादी तथा अधिस्वरक (Harmonics and Overtones)
- आर्गन पाइप (खुले तथा बंद) में कंपन
- डॉप्लर प्रभाव (Doppler Effect)
- स्रोत तथा श्रोता के बीच आपेक्षिक गति के कारण आवृत्ति में आभासी परिवर्तन
तरंगे – पाठ का सारांश
- तरंग किसी माध्यम मे उत्पन्न वह विक्षोभ है। जिसमें माध्यम के कण अपने स्थान पर बनें रहते है परन्तु उर्जा एक स्थान से दुसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाती है।
- जब किसी माध्यम में यांत्रिक तरंगे संचरित होते है। तो माध्यम के कण, तरंग के चलने की दीशा के लम्बवत कम्पन करते है। तब इस प्रकार के तरंग को अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
- जब किसी माध्यम मे यांत्रिक तरंगे संचरित होती है तो माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के समांतर कंपन करते है। तब इस प्रकार की तरंगो को अनुदैर्ध्य तरंग कहते है।
- तरंग के किसी कण द्वारा इसकी साम्यवस्था से अधिकतम विस्थापन को आयाम कहते है। कण द्वारा इसकी साम्यावस्था से अधिकतम विस्थापन को “आयाम” कहा जाता है।
- घुमती हुई कोई वस्तु, इकाई समय में जितना समय कोण घुम जाती है। उसे कोणिय आवृत्ति (W) कहते है।
- इन सभी वाद्य यंत्रों मे हम फुक मारते है तो ध्वनि उत्पन्न होती है। इसका कारण यह है कि जब इन वाद्य यंत्रो मे वायु देतें है तो इसके अंदर स्थिर वायु आपस में अध्यारोपित हो जाती है जिसके फलस्वरूप तरंगे उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार ध्वनि सुनाई देने लगती है। इस प्रकार की यंत्र का ऑर्गन पाइप कहते है।
- जब प्रकाश स्त्रोत तथा प्रेक्षक के बिच आपेक्षिक गति होती है तो प्रेक्षक को प्रकाश की आवृति में कुछ बदलाव महसुस होता है। “अर्थात” जब प्रकाश स्त्रोत एवं प्रेक्षक के बिच आपेक्षिक गति के कारण प्रकाश स्त्रोत की आवृति में होने अभासी परिवर्तन की घटना को प्रकाश में डॉप्लर प्रभाव कहते है।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।