नमस्कार बच्चों,
हमने इस पोस्ट मे कक्षा 11 पाठ 4 गति के नियम का पूरा नोट्स दिया है। इस नोट्स मे हर एक बिन्दु को आसान भाषा मे लिखा है जिससे यह पाठ आप आसानी से समझ सकते है । यह नोट्स एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित है । अर्थात यह नोट्स उन सभी बच्चों के लिए उपयोगी है जो NCERT हिन्दी माध्यम से पढ़ते है ।
तो आप इस नोट्स के सायहता से इस पाठ गति के नियम को समझे और लिखे । हर एक पाठ आसान होता है अगर इसे हम पूरा समझे और जरूरी बिंदुओ को ध्यान मे रखे । यहा हमने नोट्स पीडीएफ़(PDF) के रूप मे दिया है जिसे आप download कर सके ताकि आप इसका print कर अपने समय को बचा सके।
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अध्याय | गति के नियम |
विषय | भौतकी |
अध्याय क्रमांक | 4 |
कक्षा | 11 |
माध्यम | हिन्दी |
सत्र | 2025-2026 |
गति के नियम नोट्स डाउनलोड पीडीएफ़
4.-गति-के-नियमCheck: एनसीईआरटी कक्षा 11 भौतिक विज्ञान नोट्स
पाठ मे मुख्य बिन्दु क्या-क्या है –
- भूमिका
- बल की अवधारणा
- अरस्तू की भ्रामकता
- जड़त्व का नियम
- न्यूटन के गति के नियम
- प्रथम नियम : जड़त्व का नियम
- द्वितीय नियम : बल तथा संवेग में संबंध (F=dp/dt=ma)
- तृतीय नियम : क्रिया एवं प्रतिक्रिया का नियम
- संवेग
- संवेग की परिभाषा (p=mv)
- संवेग संरक्षण का नियम
- कणों के निकाय का संतुलन
- यांत्रिकी में सामान्य बल
- घर्षण:
- स्थैतिक और गतिक घर्षण
- घर्षण के नियम
- लम्ब प्रतिक्रिया, तनाव बल
- वर्तुल गति की गतिकी
- अभिकेंद्र बल
- वृत्तीय सड़कों पर वाहनों की गति
- यांत्रिकी में समस्याओं को हल करना
- मुक्त-वस्तु आरेख
- विभिन्न बलों के अंतर्गत गति का विश्लेषण
पाठ का सारांश
- किसी पिण्ड का वह गुण जिसके कारण पिण्ड विराम की अवस्था में अथवा वेग से गति की अवस्था मे किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करता है। इसे ही जड़त्व कहते है।
- जड़त्व के नियम को न्युटन के गति का प्रथम नियम भी कहा जाता है।
- इसकी परिभाषा भी नाम से ही स्पष्ट है कि किसी वस्तु का वह गुण जिसमें वस्तु स्वयं अपनी गति की अवस्था मे परिवर्तन का विरोध करती है। गति का जड़त्व कहलाता है।
- न्युटन के गति के तृतिय नियम के अनुसार, प्रत्येक क्रिया के बराबर एवं विपरित दिशा मे प्रतिक्रिया होती है।
- वह राशि जो किसी वस्तु के वेग व द्रव्यमान पर निर्भर करती है अर्थात किसी गतिशिल वस्त्र के द्रव्यमान और उसके वेग के गुणनफल को संवेग कहते है। इसे P से प्रदर्शित करते है।
- जब दो पिण्ड परस्पर सम्पर्क मे होते है एवं एक वस्तु दुसरी वस्तु के पृष्ट पर गति करती है। तो इनके सम्पर्क तलों के बीच एक बल कार्य करता है। जो वस्तुओं की गति का विरोध करता है इस बल को घर्षण बल कहते है।
आशा है की यह नोट्स आपके उपयोग आया होगा। अगर कोई प्रश्न या कोई सुझाव है तो नीचे comment करे। हम आपको जल्द से जल्द जबाब देने की कोशिश करेंगे।
धन्यवाद।